भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के मकसद से ब्रिटेन के नवनियुक्त विदेश मंत्री डेविड लैमी शनिवार को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। उनकी यह दो दिवसीय यात्रा उस वक्त हो रही है जब दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर अहम प्रगति हो चुकी है।
द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय मुलाकातें
ब्रिटिश विदेश मंत्री अपनी भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, लैमी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी शिष्टाचार भेंट की योजना है। इस दौरान वे दोनों देशों के बीच रणनीतिक, रक्षा, साइबर सुरक्षा, और व्यापार सहयोग को लेकर चर्चा करेंगे।
भारत-यूके एफटीए: बढ़ते भरोसे का संकेत
डेविड लैमी की यह यात्रा भारत-ब्रिटेन Free Trade Agreement पर समझौते के एक महीने बाद हो रही है, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच $100 अरब डॉलर से अधिक के व्यापार लक्ष्य को साधने में मदद करेगी। यह समझौता वस्त्र, शिक्षा, तकनीक, ऑटो और फार्मा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में शुल्क कटौती व निवेश बढ़ाने का मार्ग खोलेगा।
कौन हैं डेविड लैमी? भारतीयों के लिए क्यों हैं महत्वपूर्ण?
- डेविड लैमी ब्रिटेन की लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और 2024 के चुनाव में जीत के बाद विदेश मंत्री बनाए गए।
- वे ब्रिटेन के पहले अश्वेत विदेश मंत्री हैं और बहु-सांस्कृतिक विचारों के समर्थक माने जाते हैं।
- लैमी पहले भी भारत के साथ शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर काम कर चुके हैं।
- उन्हें ब्रिटिश-भारतीय समुदाय के साथ संवाद का गहरा अनुभव है, जो उनकी यात्रा को और महत्वपूर्ण बनाता है।
क्या है इस दौरे का बड़ा मकसद?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की संभावित भारत यात्रा से पहले डेविड लैमी का यह दौरा एक राजनयिक नींव तैयार करने के रूप में देखा जा रहा है।
ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टार्मर की सरकार भारत को वैश्विक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखती है और इंडो-पैसिफिक में भारत की भूमिका को अहम मानती है।