उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से जुड़े माने जाने वाले दो स्थानीय कार्यकर्ताओं को डकैती, चोरी और महिला उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र से की गई, जहां एक महिला ने आरोप लगाया कि उसे जबरन उसकी दुकान से बेदखल करने की कोशिश की गई और विरोध करने पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
मामला क्या है?
शिकायतकर्ता सचिना खातून, जो हथुआ मार्केट में एक बुटीक संचालित करती हैं, ने बताया कि उन्होंने दुकान संजय सिंह नामक व्यक्ति से किराये पर ली थी, जिनकी कोविड-19 काल में मृत्यु हो गई।
इसके बाद संजय सिंह के दो जानकार – आनंद पांडे और अमित पाठक – ने कथित रूप से उन्हें धमकाना शुरू किया और जबरन दुकान खाली करने का दबाव डाला।
पुलिस के अनुसार खातून का दावा है कि उसने अदालत से स्थगन आदेश (Stay Order) भी प्राप्त किया था, लेकिन इसके बावजूद मई 2024 में दुकान का ताला तोड़कर भीतर रखा सारा सामान उठा लिया गया।
आरोप है कि जब खातून और उनकी बेटियों ने विरोध किया, तो उनके साथ बदसलूकी की गई और मारपीट भी हुई।
आरोपियों इन मामलों में दर्ज किया गया है मुकदमा
पुलिस जांच में सामने आया कि आनंद पांडे और अमित पाठक का संबंध कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से है और दोनों पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं।
दोनों के खिलाफ डकैती, चोरी और छेड़छाड़ के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और उन्हें बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
कांग्रेस का पलटवार: साजिश और बदनाम करने की कोशिश
इस मामले में कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक साजिश” करार देते हुए कहा कि
“यह सब कुछ भाजपा सरकार के इशारे पर किया गया है ताकि हमारे प्रदेश अध्यक्ष और वाराणसी कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि सचिना खातून पहले भी कई लोगों के खिलाफ इसी तरह के मुकदमे दर्ज करवा चुकी हैं और यह उनके लिए एक “आर्थिक हथकंडा” बन चुका है।