BHU के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में एमआरआई और अल्ट्रासाउंड मशीनों की खरीद के टेंडर में बड़ी जालसाजी का मामला सामने आया है। टेंडर प्रक्रिया में फर्जी GST नंबर का इस्तेमाल हुआ था, जिसके जरिए टेंडर भरा गया था। कुलपति के निर्देश पर तुरंत एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया और शिक्षा मंत्रालय के विजिलेंस जांच के जरिए घोटाले की पुष्टि हुई।
10 मार्च को इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंस के प्रो. आरके लोधवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया।कमेटी के 31 मई को रिपोर्ट सौंपने के बाद BHU प्रशासन ने टेंडर को फौरन रद्द कर दिया। इस मामले में पहले ही 5 लोगों पर मुकदमा दर्ज हो चुका है। एमआरआई मशीन अस्पताल में पहुंच चुकी थी, लेकिन समय रहते जांच से घोटाला उजागर हो गया। अब दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।