इन दिनों मौसम ठंडा होने के साथ ही पर्यावरण में प्रदूषण भी बढ़ रहा है। हमारे पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण के चलते लोग बीमारियों की जड़ में आ रहे हैं। खास तौर पर बिगड़ता हुआ वायुमंडल अस्थमा के मरीजों के लिए खतरा बढ़ा रहा है। इसके साथ ही इससे लोगों में गले का संक्रमण भी हो रहा हैं। चिकित्सक बदलते हुए मौसम और प्रदूषण के इस माहौल में लोगों और खास तौर पर अस्थमा के मरीजों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।
इन दिनों अस्पतालों में गले के संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसपर डॉक्टर्स का कहना है कि मौसम में बदलाव होने के कारण इस तरह की समस्याएं होती हैं। लेकिन बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण मौसमी संक्रमण का असर बढ़ रहा है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रदूषण के कारण बढ़ रही समस्या
ईएनटी डॉ. वीके गुप्ता का कहना है कि सर्दी-गर्मी के संधिकाल में ऐसा होना आम बात है, लेकिन यह एक से दो दिन में खुद ही ठीक भी हो जाता है। लेकिन, इस बार जो दिक्कत आ रही है, उसमें मौसम के अलावा प्रदूषण भी एक कारक है। क्योंकि गले का संक्रमण लोगों को कई दिन तक दिक्कत दे रहा है। आने वाले दिनों में यह दिक्कत और भी तकलीफ दे सकती है, इसलिए अभी से सावधानी बरतें।
जानिए… किन बातों का रखना है ध्यान
- गले में खराश हो जाने पर पानी में नमक घोलकर गरारा करें।
- तुलसी पत्र, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा पीएं।
- मुंह पर मॉस्क लगाकर ही बाहर निकलें।
- शुरुआती 1-2 दिन में आराम न मिले तो बिना देरी किए चिकित्सकीय परामर्श लें।