चंदौली, उत्तर प्रदेश | चंदौली ज़िले के दुल्हीपुर गांव में एक बुनकर सफीयुर रहमान ने भारी बिजली बिल के चलते आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, सफीयुर पर ₹25,000 का बिजली बिल बकाया था जिसे वह चुकाने में असमर्थ थे।
पारंपरिक बुनाई का कार्य करने वाले सफीयुर की रोज़ाना की आमदनी मुश्किल से ₹500 तक पहुँचती थी। weaving उद्योग इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है, जिससे छोटे बुनकरों की आर्थिक हालत और बिगड़ गई है।
सफीयुर के परिवार में उनकी पत्नी और छोटे-छोटे बच्चे हैं, जो अब पूरी तरह बेसहारा हो गए हैं। पहले बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन अब बताया जा रहा है कि यह सब्सिडी हटा दी गई है, जिससे उन्हें वाणिज्यिक दरों पर बिजली का भुगतान करना पड़ रहा है। यह बदलाव बुनकरों की आय और जीवन पर भारी असर डाल रहा है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह रविवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुँचे। उन्होंने परिवार को ₹25,000 की आर्थिक सहायता दी और भविष्य में भी मदद का आश्वासन दिया।
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह बुनकर समाज की बदहाल स्थिति और सरकारी नीतियों की समीक्षा की ज़रूरत को उजागर करती है।