सूरजपुर जिले के बिहारपुर इलाके में हाथियों के साथ अब लोग टाइगर से भी डरे-सहमे हुए हैं। यहां बैजनपाठ से लगे मधार जंगल मेंे ग्रामीणों ने टाइगर के पंजे का निशान देखा। इसके बाद इसकी जानकारी वन विभाग को दी। इस पर रेंजर ने पद चिन्ह का फोटो लेकर अधिकारियों को भेजा। उस निशान की पुष्टि टाइगर के पंजे का होना बताया गया है। वहीं इसी टाइगर ने बैजनपाठ के दो मवेशियों को भी मार डाला था, लेकिन अब तक ग्रामीणों को इसका मुआवजा तक नहीं मिला है और न ही इसकी प्रक्रिया शुरू की गई है। क्षेत्र में टाइगर के होने के कारण वन विभाग व गुरुघासीदास पार्क के अधिकारियों ने ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की अपील की है।
बता दें कि पार्क क्षेत्र में कई गांव बसे हुए हैं और उन्हें इस टाइगर से खतरा बढ़ गया है। वहीं दूसरी तरफ वन विभाग और पार्क के अधिकारियों द्वारा टाइगर की निगरानी नहीं करने से शिकारियों की नजर भी टाइगर पर है, क्योंकि पहले भी यहां शिकारी शिकार कर चुके हैं और यहां से टाइगर की खाल बरामद हो चुकी है। बता दें कि पार्क क्षेत्र के ग्रामीण जंगली जानवरों के डर से और अधिकतर शिकार करने के उद्देश्य से हमेशा तीर-धनुष और अन्य हथियार लेकर चलते हैं। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि वे तीर-धनुष लेकर इसलिए चलते हैं, क्योंकि पूरा इलाका जंगली है और रास्ते भी जंगलों से होकर गुजरते हैं। ऐसे में उन्हें जंगली जानवरों से आमना-सामना होने का डर बना रहता है।