The Mayandana Bureau, Budaun News: कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘मंत्र’ को उत्तर प्रदेश के बदायूं में राजकीय मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने जीवंत कर दिया. अंतर बस इतना कि ‘मंत्र’ में डॉ. चड्ढा गोल्फ खेल रहे थे, पर बदायूं के चिकित्सकों ने क्रिकेट को चुना. नतीजा यह रहा कि 5 साल की बच्ची को इलाज न मिलने के कारण उसकी जान चली गयी.
उत्तर प्रदेश के बदायूं (Budaun) जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां बुखार से पीड़ित पांच वर्षीय बच्ची की कथित तौर पर इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी इलाज करने के बजाय क्रिकेट खेलने में व्यस्त थे। इस गंभीर मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है।
बुखार से पीड़ित बच्ची ने तड़प-तड़प कर तोड़ा दम
घटना के अनुसार, मूसाझाग थाना क्षेत्र के थलिया नगला के निवासी नाजिम अपनी बेटी सोफिया को बुखार की शिकायत के चलते बुधवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। नाजिम ने आरोप लगाया कि बाल रोग विशेषज्ञ वहां मौजूद नहीं थे और बच्ची को अलग-अलग कमरों में भेजा गया, लेकिन किसी भी डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी ने इलाज नहीं किया। नाजिम के अनुसार, तीन घंटे तक बच्ची ने तड़पते हुए अपनी मां की गोद में दम तोड़ दिया।
Budaun News: चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी पर क्रिकेट खेलने का आरोप
परिजनों का आरोप है कि जब उन्होंने मेडिकल कॉलेज के बाहर देखा, तो वहां चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी क्रिकेट खेलते हुए नजर आए। नाजिम ने दावा किया कि उनकी मिन्नतों के बावजूद किसी ने बच्ची का इलाज नहीं किया।
जांच समिति का गठन
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन चिकित्सकों पर क्रिकेट खेलने का आरोप लगाया जा रहा है, वे बाह्य रोगी विभाग (OPD) के नहीं थे, बल्कि अवकाश पर गए चिकित्सक हो सकते हैं।
इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और परिजनों की दुखद कहानी ने प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।