गुजरात के बनासकांठा जिले में मंगलवार को एक पटाखा गोदाम में भीषण आग और इमारत के स्लैब ढहने से 18 लोगों की जान चली गई, जबकि पांच अन्य घायल हुए। यह दिल दहलाने वाली घटना डीसा कस्बे के पास सुबह करीब 9:45 बजे हुई। मृतकों में ज्यादातर मध्य प्रदेश के मजदूर और उनके परिवार शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने त्वरित राहत के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। आइए, इस दुखद घटना के हर पहलू को विस्तार से जानते हैं।
हादसे की भयावहता: आग और स्लैब ढहने से मची तबाही
यह घटना बनासकांठा के डीसा कस्बे के नजदीक एक पटाखा गोदाम में हुई। पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना के अनुसार, आग लगने के बाद हुए जोरदार विस्फोट से गोदाम का स्लैब ढह गया। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हुई, जिसमें अधिकांश की जान स्लैब के नीचे दबने से गई। इसके अलावा, पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जिनका इलाज जारी है।
कौन थे पीड़ित? मध्य प्रदेश के मजदूरों पर टूटी आफत
मकवाना ने बताया कि मृतक और घायल मध्य प्रदेश से आए मजदूर और उनके परिजन थे। यह गोदाम पटाखों के भंडारण के लिए इस्तेमाल होता था। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वहां पटाखे बनाए जा रहे थे या नहीं। शुरुआती जानकारी में इसे फैक्टरी बताया गया था, लेकिन बाद में इसे गोदाम के रूप में पहचाना गया।
सरकार का त्वरित एक्शन: मृतकों के लिए 4 लाख, घायलों को 50,000 की मदद
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और प्रभावित परिवारों के लिए राहत राशि का ऐलान किया। मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि वह प्रशासन के साथ राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही, घायलों के बेहतर इलाज के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री की संवेदना: “ईश्वर मृतकों की आत्मा को शांति दे”
भूपेंद्र पटेल ने अपनी पोस्ट में कहा, “डीसा के पटाखा गोदाम में आग और स्लैब गिरने से हुई मजदूरों की मौत दिल दहलाने वाली है। मैं मृतकों के परिवारों के साथ हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों के साथ हर संभव मदद के लिए खड़ी है।
घटना की जांच जारी: आग का कारण अभी अस्पष्ट
पुलिस और प्रशासन इस हादसे की जांच में जुट गए हैं। आग लगने के सही कारणों का पता लगाने के लिए गहन छानबीन की जा रही है। गोदाम में सुरक्षा मानकों की स्थिति भी जांच के दायरे में है। आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट से स्थिति और स्पष्ट होगी।इस दुखद हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा और मजदूरों की जान की कीमत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और सरकार की ओर से त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं ताकि प्रभावितों को राहत मिल सके।