उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद और लाठीचार्ज के पीछे का क्या है पूरा मामला: बृहस्पतिवार को हनुमान चौक पर विशाल जनाक्रोश रैली का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के साथ-साथ कई अन्य स्थानों से लोग शामिल हुए। इस रैली में देहरादून से स्वामी दर्शनलाल भारती, श्रीनगर से लखपत भंडारी, राकेश उत्तराखंडी और बड़कोट से केशवानंद गिरी जैसे प्रमुख वक्ताओं ने हिस्सा लिया। इन सभी ने भीड़ को संबोधित करते हुए समुदाय विशेष के व्यापारियों से सामान न खरीदने और सामाजिक एकता बनाए रखने का आह्वान किया। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर लोग एकजुट नहीं हुए, तो वे भविष्य में अल्पसंख्यक बन सकते हैं।
रैली हनुमान चौक से मुख्य बाजार, काली कमली होते हुए आगे बढ़ी, जिसमें पुलिस बल की सुरक्षा मौजूद थी। रैली के मार्ग में पुलिस ने पहले से भटवाड़ी रोड पर मस्जिद की ओर जाने वाले रास्ते को विश्वनाथ तिराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर रखा था। यह देखकर प्रदर्शनकारी भड़क गए और उन्होंने बैरिकेड हटाने की मांग की। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच लगभग ढाई घंटे तक गतिरोध की स्थिति बनी रही। इस दौरान पुलिस के अधिकारी एसडीएम मुकेश चंद रमोला और सीओ प्रशांत कुमार ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।
उत्तरकाशी में लाठीचार्ज : पहले किसी ने पुलिस पर बोतल फेंकी, फिर करने लगे पथराव, इसके बाद हुआ लाठीचार्ज
दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे किसी ने पुलिस पर बोतल फेंकी, जिसके बाद हालात बिगड़ गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इस हिंसा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों सहित कुल 27 लोग घायल हो गए, जिनमें स्वामी दर्शनलाल भारती भी शामिल थे।
लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारी कलक्ट्रेट पहुंचे और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की
लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारी कलक्ट्रेट पहुंचे और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद भीड़ बाजार में फैल गई और उन्होंने दूसरे समुदाय के व्यापारियों की दुकानों को निशाना बनाते हुए नुकसान पहुंचाया। हनुमान चौक पर एक फल विक्रेता और एसबीआई बैंक के पास स्थित एक जूता-चप्पल विक्रेता की दुकानों को खास तौर पर निशाना बनाया गया। इस घटना से इलाके में तनाव बढ़ गया है और पुलिस प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर रहा है।
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