एसईसीएल बिलासपुर में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी लगाने का झांसा देकर रांछाभांठा के एक अधेड़ ने अपने बेटे के साथ मिलकर गिद्धा के युवक से 20 लाख रुपए की ठगी कर ली, लेकिन नौकरी नहीं लगाई। युवक की रिपोर्ट पर पुलिस ने भठली के आयुर्वेद अस्पताल में कंपाउंडर का काम करने वाले आरोपी राजकुमार दिवाकर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उसका बेटा अभी फरार है।
मामले में नवागढ़ टीआई कमलेश शेंडे ने बताया कि थाना क्षेत्र के गिद्धा निवासी गौतम रत्नाकर की जान पहचान भठली के आयुर्वेद चिकित्सालय में कंपाउंडर पोंड़ीरांछा निवासी राजकुमार दिवाकर से थी। राजकुमार ने एसईसीएल बिलासपुर में अपनी पहचान होने का हवाला देते हुए उसकी नौकरी कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर लगाने का दावा किया और उससे 20 लाख रुपए की डिमांड की। गौतम रत्नाकर ने नौकरी के नाम पर अलग अलग किस्त में कंपाउंडर राजकुमार दिवाकर को 20 लाख रुपए दिए, लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगी।
इसके बाद उसने 22 नवंबर को राजकुमार दिवाकर और उसके बेटे के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। मामले में एक आरोपी राजकुमार को गिरफ्तार किया है।
पिता-पुत्र मिलकर करते थे ठगी, बेटे के खिलाफ पहले भी दर्ज हैं मामले: टीआई
राजकुमार दिवाकर और उसके बेटे अमन दिवाकर मिलकर ठगी करते थे। पिता राजकुमार लोगों को अपने झांसे में लेता था और पैसा अपने बेटे के खाते में फोन पे के माध्यम से ट्रांसफर करवाता था। पहले भी अमन के खिलाफ जांजगीर कोतवाली में भी मामला दर्ज है। फिलहाल अमन अभी फरार है।
– कमलेश शेंडे, टीआई , नवागढ़