• Sun. Dec 8th, 2024

MAYANDANA NEWS

सिर्फ सच, सिर्फ समाचार

Varanasi: दुष्कर्म मामले में एफआईआर नहीं, फिर भी अग्रिम जमानत की अर्जी पर होगी सुनवाई; जानिए पूरा मामला

जैतपुरा के खोजापुरा निवासी अब्दुल्ला अंसारी के खिलाफ नदेसर क्षेत्र के एक मुहल्ले की युवती ने एडीसीपी (महिला अपराध) को प्रार्थना पत्र दिया था। युवती का आरोप है कि अब्दुल्ला अंसारी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

दुष्कर्म की शिकायत के जिस मामले में एफआईआर नहीं हुई है, उसमें अग्रिम जमानत की अर्जी जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने स्वीकार कर ली है। इस पर 16 नवंबर को सुनवाई होगी। शहर के कारोबारी ने गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। अधिवक्ताओं के अनुसार जिले में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है।

जैतपुरा के खोजापुरा निवासी अब्दुल्ला अंसारी के खिलाफ नदेसर क्षेत्र के एक मुहल्ले की युवती ने एडीसीपी (महिला अपराध) को प्रार्थना पत्र दिया था। युवती का आरोप है कि अब्दुल्ला अंसारी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह प्रिंस ने बताया कि युवती की शिकायत के आधार पर अब्दुल्ला अंसारी को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था। पुलिस कारोबारी के प्रतिष्ठान पर भी पहुंची थी। लगातार फोन भी आ रहे हैं। इससे अब्दुल्ला को अपनी गिरफ्तारी की आशंका है। इसी आधार पर अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई। इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है।



डीजीसी फौजदारी ने दाखिल की आपत्ति

अब्दुल्ला अंसारी की ओर से दाखिल अर्जी का जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी मुनीब सिंह चौहान ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र के साथ एफआईआर की प्रति दाखिल नहीं की गई है। मगर, उनकी आपत्ति अदालत ने खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बनाई है व्यवस्था

जिला जज की अदालत ने कहा कि यदि किसी को गिरफ्तारी की शंका हो तो वह एफआईआर के अभाव में भी अग्रिम जमानत की अर्जी दे सकता है। यह व्यवस्था सुशीला के केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनाई गई है। अब्दुल्ला अंसारी के प्रार्थना पत्र की प्रति जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को दी जाए। वह केस डायरी मंगाकर आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *