जांजगीर जिले में धान खरीदी प्रभारी बनाने में नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है। जिस सहकारी समिति में चाचा मनोनीत प्राधिकृत अधिकारी है, उसी केंद्र में सगे भतीजे को खरीदी प्रभारी बना दिया गया है, जबकि सहकारिता एक्ट में खून के रिश्तेदार को प्रभारी बनाने का प्रावधान नहीं है।
धान खरीदी शुरू हो गई है, खरीदी केंद्रों में प्रभारी की घोषणा करने में भी अनावश्यक विलंब किया जाता है। इस वर्ष भी धान खरीदी शुरू होने के कुछ दिनों पहले ही खरीदी प्रभारियों की पदस्थापना सूची जारी की गई। दावा तो यह कियाकि खरीदी की जिम्मेदारी उसे दी जाएगी, जो बेदाग हो और सही निष्ठा से काम कर सके।
इस सूची में भी अब सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि अंतिम सूची जारी करने से पहले नोडल अधिकारी ने संबंधित ब्रांच के शाखा प्रबंधक और सहकारिता निरीक्षक से खरीदी प्रभारियों की अनुशंसा मांगी थी। इन लोगों ने अपनी अनुशंसा भी भेजी लेकिन इसके बाद भी उनकी अनुशंसा को दरकिनार कर दूसरों को जिम्मेदारी दे दी गई है।
खिसोरा में भतीजा प्रभारी, चाचा प्राधिकृत अधिकारी
जानकारों के अनुसार सहकारिता एक्ट में प्रावधान है कि किसी भी खरीदी केंद्र में बहुत करीबी खून के रिश्तेदार को प्रभारी नहीं बनाया जा सकता है। धान खरीदी केंद्र खिसोरा में साधराम कश्यप को प्रभारी बनाया है, इस केंद्र में उसके सगे चाचा रामेश्वर कश्यप प्राधिकृत अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं, इस तरह यहां एक्ट के विपरीत प्रभारी बना दिया गया है। नवागढ़ बीएम कमल सिंह के अनुसार उक्त केंद्र में साधराम को प्रभारी बनाने की अनुशंसा नहीं की थी। यहां चंद्रशेखर िंसंह के नाम की अनुशंसा की गई थी, इसी प्रकार बरगांव में अभिषेक सिंह के नाम का प्रस्ताव दिया गया था, उसकी जगह पर संजय मिश्रा को प्रभारी बना दिया गया है।
शिकायत आई है, नोटशीट पुट अप करेंगे
कुछ खरीदी केंद्रों से शिकायत आई है, इसमें बरगांव व खिसोरा भी शामिल है, वहीं कुछ खरीदी प्रभारियों ने काम करने में भी असमर्थता जताई है। ऐसे केंद्रों में प्रभारी बदलने के लिए नोटशीट कलेक्टर मैडम के पास पुट अप किया जाएगा।
–अश्वनी पांडेय, नोडल अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, जांजगीर